कुमाऊं विश्वविद्यालय में बायोमैग्नेटिक थेरेपी पर कार्यशाला आयोजित।

नैनीताल, 9 जनवरी 2025। कुमाऊं विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय द्वारा बायोमैग्नेटिक थेरेपी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता त्रिलोक सिंह फर्त्याल ने कहा कि “मनुष्य का स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।”

फर्त्याल ने यह भी बताया कि पहले के समय में लोग लंबी उम्र तक जीते थे, लेकिन वर्तमान में विभिन्न बीमारियों के कारण जीवनकाल में कमी आई है। उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य की पांच बुनियादी आवश्यकताएं—अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश—हमें हवा, पानी, खुराक और ऊर्जा प्रदान करती हैं।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए निदेशक प्रोफेसर ललित तिवारी ने बताया कि “ब्लड में लोहा होता है जिसे मैग्नेट से प्रभावित किया जा सकता है, और इससे रक्त संचार में सुधार होता है।”

इस कार्यशाला में त्रिलोक फर्त्याल, मंजू साह, और राजकुमार बासकोटी ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया, जो आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं। उन्होंने इन उत्पादों की क्रियाविधि को भी बताया, जिनमें मैग्नेटिक गद्दे और पिलो जैसे ब्रास शामिल थे, जो शरीर को संतुलित करने में मदद करते हैं।

कार्यशाला के अंत में पूरी टीम को शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में प्रोफेसर गीता तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. ईरा तिवारी, डॉ. मैत्रेय नारायण, डॉ. नगमा परवीन, डॉ. नवीन पांडे, पंकज कश्यप, विशाल बिष्ट, आनंद, दिशा, हिमानी, और अदिति जोशी सहित शोध छात्र उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *