व्याख्यान::
नैनीताल। कुमाऊं विवि के समाजशास्त्र विभाग में “समकालीन व्यवस्था में मीडिया और प्रौद्योगिकी का समाजशास्त्रीय विश्लेषण” विषय पर एक महत्वपूर्ण विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. मनोज जेना मुख्य वक्ता रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. ज्योति जोशी ने की, जबकि संचालन का दायित्व डॉ. प्रियंका नीरज रुवाली ने निभाया। विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीएस बिष्ट ने मुख्य वक्ता को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया, और प्रो. अर्चना श्रीवास्तव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।प्रो. जेना ने आधुनिक समाज में मीडिया और प्रौद्योगिकी की बदलती भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब मीडिया केवल सूचना प्रसार का साधन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संरचना, सांस्कृतिक पहचान और व्यवहार को गहराई से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने पारंपरिक मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक की यात्रा और उसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।
डिजिटल क्रांति के सामाजिक प्रभावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने डिजिटल विभाजन की समस्या को उजागर किया, जिससे विशेष रूप से हाशिए पर मौजूद समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने मीडिया निगरानी, निजता और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण के मुद्दों पर भी प्रकाश डाला और डिजिटल युग में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में प्रो. चंद्रकला रावत, प्रो. संजय घिल्डियाल, प्रो. जया तिवारी, प्रो. रजनीश पांडे, डॉ. सरोज पालीवाल, डॉ. नंदन सिंह बिष्ट, डॉ. हरिप्रिया पाठक आदि रहे।