राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मेटरनल डेथ सर्विलांस पर कार्यशाला का आयोजन।
नैनीताल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नैनीताल जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ़ एचसी पंत के निर्देशन पर जिले में मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने के लिए कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल के मुख्य सभागार में मेटरनल डेथ सर्विलांस एवं रीस्पान्स तथा पोर्टल के संबंध में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 17 जनवरी से 18 जनवरी शनिवार तक किया गया ।
प्रशिक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनएचएम डॉ़ एनसी तिवारी ने मेटरनल डेथ समीक्षा पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया कि गर्भवती होने पर या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु मेटरनल डेथ समीक्षा की श्रेणी में आती है। गर्भावस्था और प्रसव के दौरान रक्तस्राव या उच्च रक्तचाप से ग्रस्त विकार मेटरनल डेथ के लिये अधिक जिम्मेदार हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ़ संजीव खर्कवाल ने कहा कि मातृ मृत्यु के प्रत्यक्ष चिकित्सा और अप्रत्यक्ष चिकित्सा कारणों के रोकथाम में समय से उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जिसके लिए गर्भवती महिलाओं को समय से सुविधाएं प्रदान किए जाने की आवश्यकता है।
प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक मदन मेहरा, बीएस कराकोटी, पंकज तिवारी, सरयूनंदन जोशी, दीवान सिंह बिष्ट, हरेन्द्र कठायत आदि प्रशिक्षकों ने बताया कि मातृ मृत्यु के प्रत्यक्ष चिकित्सा और अप्रत्यक्ष चिकित्सा कारणों के अलावा महिलाओं की निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति, लैंगिक असमानता, निरक्षरता, शादी की कम उम्र, किशोर गर्भावस्था, परिवार नियोजन और सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तक खराब पहुंच, गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व सेवाओं तक खराब पहुंच, प्रसव के समय कुशल उपस्थिति की अपर्याप्तता, परिवहन प्राप्त करने में कठिनाइयां, सुनिश्चित रेफरल की कमी, समय पर उचित आपातकालीन देखभाल प्राप्त करने में विफलता आदि कारक भी होते हैं। कार्यक्रम में मेटरनल डेथ सर्विलांस एवं रीस्पान्स पोर्टल के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई। मातृ मृत्यु के कारक देखभाल देने या लेने का निर्णय लेने में देरी, सुविधा पहुंचने में देरी, देखभाल प्राप्त करने में देरी आदि विषय पर भी जानकारी प्रदान की गई। संचालन मदन मेहरा और हरेन्द्र कठायत ने किया।
इस दौरान ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लॉक समन्वयक, डीईओ, सीएचओ, नर्सिंग अधिकारी के सांथ ही मनोज बाबू, हेम जलाल आदि मौजूद रहे।
