ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री, अणु और नैनो टेक्नोलॉजी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 20 से 22 मार्च 2025 तक हार्मिटेज नैनीताल, उत्तराखंड में आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में दूसरे दिन, विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर चित्रा पांडेय, डीन साइंस कुमाऊं यूनिवर्सिटी, और प्रो .एसपीएस मेहता ने कार्यक्रम को प्रारंभ किया।
कीनोट स्पीकर पद्मश्री प्रो. टी. प्रदीप ने वॉटर ड्रॉपलेट ऐंड आईस साइंस फॉर सस्टेनेबिलिटी पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि जल शोधन के लिए संधारणीय नैनोमटेरियल बड़े कारगर हैं। पद्मश्री प्रो. प्रदीप ने अमृत नामक एक अभूतपूर्व नैनो-प्रौद्योगिकी-आधारित जल शोधन समाधान प्रस्तुत किया।
इस तकनीक को बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वीकृति मिल गई है। पद्मश्री प्रो. प्रदीप ने बताया कि उनका शोध जल बूंदों और बर्फ निर्माण में होने वाले मौलिक रसायन विज्ञान में शामिल है।
इसके पश्चात तीन समानांतर तकनीकी सत्र चलाए गए। 20 आमंत्रित वैज्ञानिकों ने व्याख्यान दिया। तकनीकी सत्रों के पश्चात पोस्टर प्रस्तुति (66) की गई। आज के पोस्टर प्रस्तुति में डॉ ए सामंतु, डॉ वसुधा अग्निहोत्री, डॉ मनीषा (डी यू) प्रो सुमन कुरुक्षेत्र, डॉ पुष्पेंद्र कुमार, डॉ आशीष भटनागर रहे।
अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में प्रो नंद गोपाल साहू, प्रो चित्रा पांडे, प्रो गीता तिवारी, डॉ महेश आर्या, प्रो. ए. बी. मेलकानी, प्रो. ललित तिवारी, प्रो विजय कुमार, डॉ. ललित मोहन, डॉ. सोहेल जावेद, डॉ. मनोज धूनी, डॉ. आंचल अनेजा, डॉ. भावना पंत, डॉ. दीपशिखा जोशी, डॉ. आकांक्षा रानी, प्रो. एच. मिश्र, प्रो. मोहन सिंह मेहता, डॉ. गिरीश खर्कवाल, डॉ. चेतना तिवारी, डॉ. कुंदन सिंह, डॉ. सुनील ढाली, डॉ. भास्कर बोरा, प्रो. ओम प्रकाश पंतनगर, डॉ अनर बान डंडापथ, डॉ महेंद्र राणा, प्रो एंथनी, प्रो निशा फातमी, प्रो पी कुंभकर, डॉ आशीष भटनागर, मनीषा जोशी, आयशा सिद्दीकी, गरिमा चंद, अभिषेक मेहरा, रुचि बसेड़ा, भावना त्रिपाठी, कारुण्या पपने सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
आज सायं काल उत्तराखण की संस्कृति दिखाने के लिए लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कल अपराह्न में समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।