एचएमपीवी वायरस एक श्वसन संबंधी बीमारी है जो आम तौर पर बच्चों में पाई जाती है। यह वायरस खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है, और संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क और दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी इसका संचरण हो सकता है।
भारत में एचएमपीवी वायरस का पहला मामला बेंगलुरु में सामने आया है जहां एक 8 महीने के शिशु में यह वायरस पाया गया है। यह मामला एक निजी अस्पताल में सामने आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
भारत सरकार ने इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है, और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक प्रकार का वायरस है। जो मानव शरीर में संक्रमण पैदा करता है। यह वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है और इसके कारण निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण:
एचएमपीवी वायरस के लक्षण अन्य श्वसन संबंधी वायरसों के समान हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- खांसी
- जुकाम
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई
एचएमपीवी वायरस के कारण:
एचएमपीवी वायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है। इसके फैलने के मुख्य कारण हैं:
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़े गए ड्रॉपलेट्स के माध्यम से
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति द्वारा स्पर्श किए गए सतहों के माध्यम से
एचएमपीवी वायरस का निदान:
एचएमपीवी वायरस का निदान आमतौर पर लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर रोगी की जांच करेंगे और लक्षणों के आधार पर निदान करेंगे। इसके अलावा, डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- नाक और गले की स्वाब जांच
- रक्त परीक्षण
- छाती का एक्स-रे
एचएमपीवी वायरस का उपचार:
एचएमपीवी वायरस का उपचार आमतौर पर लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर रोगी को निम्नलिखित उपचारों की सलाह दे सकते हैं:
- आराम और तरल पदार्थों का सेवन
- दर्द और बुखार के लिए दवाएं
- खांसी और जुकाम के लिए दवाएं
- ऑक्सीजन थेरेपी (गंभीर मामलों में)
एचएमपीवी वायरस की रोकथाम:
एचएमपीवी वायरस की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जा सकता है:
- हाथों को नियमित रूप से धोना
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचना
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़े गए ड्रॉपलेट्स के माध्यम से संक्रमण को रोकने के लिए मास्क पहनना
- वायरस से संक्रमित व्यक्ति द्वारा स्पर्श किए गए सतहों को नियमित रूप से साफ करना।