हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने, इसके महत्व को रेखांकित करने और इसके प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। हिंदी न केवल भारत की राजभाषा है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, इतिहास और पहचान का भी अभिन्न हिस्सा है।
हिंदी की वैश्विक पहचान
हिंदी आज करोड़ों लोगों की मातृभाषा है और विश्वभर में बोली जाती है। यह भाषा अपनी सादगी, गहराई और विविधता के लिए जानी जाती है। हिंदी ने साहित्य, सिनेमा और कला के माध्यम से दुनिया को भारत की अनूठी संस्कृति से परिचित कराया है।
कार्यक्रम और उद्देश्य
विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न संगोष्ठियों, भाषण प्रतियोगिताओं, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह दिन हमें हिंदी भाषा के प्रति गर्व और इसके संरक्षण व संवर्धन की जिम्मेदारी का एहसास कराता है।
इतिहास और शुरुआत
विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 2006 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। पहली बार यह दिवस 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना और इसे संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में शामिल करने का प्रयास करना है।
हिंदी का महत्व
हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सोच, हमारी भावना और हमारी विरासत की अभिव्यक्ति है। विश्व हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हिंदी भाषा न केवल भारत की पहचान है, बल्कि यह दुनिया में हमारी संस्कृति का प्रतीक भी है।
हिंदी के प्रति सम्मान और इसे प्रोत्साहन देना, हमारी जिम्मेदारी है। विश्व हिंदी दिवस का जश्न इस जिम्मेदारी को और भी मजबूत बनाता है|
